भगवान मद्महेश्वर के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बुधवार को विधि-विधान के साथ किए जाएंगे बंद

रुद्रप्रयाग। पंच केदार में द्वितीय भगवान मद्महेश्वर के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बुधवार को शुभ मुहूर्त पर सुबह 8 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए जाएंगे। उत्तराखंड में स्थित पंचकेदार में से एक मदमहेश्वर या फिर कहें मध्य महेश्वर की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। पंच केदार में इसे दूसरे केदार के रूप में पूजा जाता है। देवों के देव महादेव का यह मंदिर उत्तराखंड के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है, जिसकी हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा मान्यता है क्योंकि यहां पर भगवान शिव के बैल स्वरूप की नाभि की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस मंदिर को महाभारतकाल में पांडवों द्वारा बनवया गया था। इस वर्ष 20 मई से शुरू हुई द्वितीय केदार मद्महेश्वर की यात्रा में अभी तक 17 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। जुलाई माह में अतिवृष्टि से गौंडार गांव के समीप मुरकुंडा नदी (सरस्वती) पर पुलिया के ध्वस्त होने से कई दिनों तक यात्रा प्रभावित रही। बुधवार को सुबह 4 बजे से मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।