जोशीमठ। योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से मंगलवार को आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंची। इस अवसर पर नृसिंह मंदिर को फूलों से सजाया गया था। इसके साथ ही इसवर्ष की चारधाम यात्रा का भी विधिवत समापन हो गया है। एक दिन पूर्व पांडुकेश्वर स्थित योग बदरी मंदिर में प्रवास के बाद आज सुबह 10 बजे आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी का जोशीमठ के लिए प्रस्थान किया गया। इस अवसर पर देव डोली का कई जगहों पर श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया। जोशीमठ में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान ने गद्दी और अतिथियों की अगवानी की। इसके बाद नृसिंह मंदिर में रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने भगवान गणेश और नृसिंह का आह्वान कर यात्रा समापन पूजा संपन्न की। इससे पूर्व सीमा सड़क संगठन के कैंप में प्रभारी सेनानायक सीआर मीना समेत जवानों और अधिकारियों ने आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी के दर्शन किए और रावल का स्वागत किया। इसके बाद रावल गढ़वाल स्काउट स्थित मां भुवनेश्वरी मंदिर में पूजा में भी शामिल हुए। मौके पर सेनानायक कर्नल शांतनु वौरी, सुबेदार मेजर नारायण, सेना पंडित वीके दुबे आदि मौजूद रहे। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि इसके साथ ही योग बदरी पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं भी शुरू हो गई हैं। इस अवसर पर बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार, भास्कर डिमरी, सुभाष डिमरी, विजेंद्र बिष्ट, गिरीश रावत, कुलदीप भट्ट, विवेक थपलियाल, राजेंद्र सेमवाल, संदीप कपरवाण, जगमोहन बर्त्वाल, संतोष तिवारी, भूपेंद्र रावत, भूपेंद्र राणा, हनुमान प्रसाद डिमरी, अजय सती, अनसुया नौटियाल, राजेंद्र डिमरी, परमेश्वर डिमरी, विनोद रावत, नवीन भंडारी, राजदीप सनवाल आदि मौजूद रहे।