उत्तरकाशी के सिलक्यारा पहुंचकर सीएम ने की स्थालीय निरीक्षण
अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश, बचाव व राहत कार्यो में न हो कोताही
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रेलवे और विशेषज्ञों की टीमें मौके पर जुटी
देहरादून। सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालना पहली प्राथमिकता मुख्यमंत्री सीएम धामी ने सिलक्यारा पहुंचकर मौके का जायजा लिया अधिकारियों के साथ बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। घटना के बाद से ही लगातार अधिकारियों से अपडेट ले रहे मुख्यमंत्री ने आज पूर्वाह्न सिलक्यारा पहुंचकर मौके का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बचाव एवं राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही न हो, इसके लिए लगातार निगरानी की जाए। मुख्यमंत्री धामी ने सुरंग में पहुंचकर अधिकारियों से हादसे के सम्बंध में पूरी जानकारी ली। मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में मलबा हटाने का काम तेजी से जारी है। पूरी रात रेस्क्यू चला है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, रेलवे और विशेषज्ञों की टीमें मौके पर जुटी है। सुरंग में फंसे लोग पूरी तरह ठीक हैं और उनसे बात भी हो रही है। उन्होंने प्रभावितों के परिजनों को आश्वस्त किया कि सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें गंभीर हैं। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रेल मंत्री ने भी इस सम्बंध में बात की है। प्रधानमंत्री ने बचाव और राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए प्रदेश सरकार को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पूरी तरह आश्वस्त हैं कि सुरंग में चल रहा रेस्क्यू जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा और वहां फंसे सभी 40 लोगों को जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, एनएचआईडीसीएल तथा अन्य एजेंसी के अधिकारियों ने राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए मलवा हटाने का कार्य निरंतर जारी है, मलवा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। दरकते मलवे को थाने के लिए मशीनों से शार्टक्रीटिंग की जा रही है। टनल में फंसे मजदूरों से पाइप के जरिये संदेशों का आदान प्रदान किया गया है। पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है । इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चने के पैकेट कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर टनल में फंसे श्रमिकों तक भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री के साथ घटना स्थल पर पहुंचे गढ़वाल मंडल के आयुत्त विनय शंकर पांडे ने भी राहत और बचाव कार्यों को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञ एवं रेस्क्यू अभियान में जुटे द
वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से किया संपर्क
देहरादून। सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से टनल में कार्यरत 40 श्रमिक अंदर रह गए। 24 घंटे से अधिक समय बीतने पर भी श्रमिकों को बाहर नहीं निकाला जा सका है। बचाव कार्य जारी हैं। फिलहाल वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क किया गया है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं। टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन और खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।
भूस्खलन बन रहा रेस्क्यू में बड़ी बाधा
देहरादून। सिलक्यारा टनल में फंसी जिंदगियों को बचाने के लिए जो राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है उसमें सबसे बड़ी बाधा पहाड़ से लगातार सुरंग में आने वाला मलवा बना हुआ है। रेस्क्यू टीम जितना मलवा निकालकर आगे बढ़ने की कोशिश करती है उससे अधिक मलवा पहाड़ से नीचे आ रहा है। ऐसी स्थिति में सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है। विशेषज्ञों द्वारा अब चैड़े फाइव ड्रिल करके इन मजदूरों तक पहुंचने की योजना पर काम किया जा रहा है लेकिन इन मजदूरों तक कब तक पहुंचा जा सकेगा और उन्हें बाहर निकाला जा सकेगा इसका कोई सही जवाब नहीं मिल पा रहा है। सिर्फ यही कहा जा रहा है की रेस्क्यू कार्य पूरा होने में अभी एककृदो दिन का समय लग सकता है। जो लोग सुरंग में फंसे हैं उनके पास लाइट, पानी व ऑक्सीजन की सुविधा है खाघ सामग्री भी पहुंच गई है यह राहत की बात है लेकिन वह कब तक बाहर आ पाएंगे यह कहा जाना मुश्किल है।