शीतकाल के लिए 18 नवंबर को बंद होंगे बदरीधाम के कपाट, यमुनोत्री के 15 को

जोशीमठ/यमुनोत्री। भू-वैकुंठ कहे जाने वाले करोड़ों हिंदुओं की आस्था के धाम बदरीनाथजी के मंदिर के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इससे तीन दिन पहले 15 नवंबर को यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होंगे।

सर्दियों की आमद के साथ ही चारधाम यात्रा अंतिम चरण में पहुंच गई है। केदारनाथ और गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि प्रथम नवरात्रि के दिन निकाली जा चुकी है। मंगलवार को विजयादशमी के दिन बदरीनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तिथि व मुहूर्त निकाला गया। प्राचीन परंपरानुसार, आज वियादशमी के अवसर पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि और मुहूर्त तय किया गया। कपाट 18 नवंबर को अपराह्न 3ः33 बजे बंद होंगे और इसके बाद भगवान की डोली जोशीमठ के लिए रवाना होगी, जहां शीतकाल के छह माह उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

केदारनाथ धाम के कपाट 15 और गंगोत्री के 14 नवंबर को होने हैं बंद
इससे पहले उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्रीजी के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली मंदिर में शीतकाल के लिए धाम के कपाट बंद होने संबंधी मुहूर्त निकाला गया। यमुनोत्रीजी के कपाट भैयादूज के अवसर पर 15 नवंबर को पूर्वाह्न 11ः57 बजे बंद किए जाएंगे। इसके बाद मां यमुना की पूजा-अर्चना शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली में की जाएगी। उल्लेखनीय है कि केदारनाथ धाम के कपाट भी इस वर्ष 15 नवंबर को ही बंद हो रहे हैं, जबकि गंगोत्री मंदिर के कपाट इससे एक दिन पूर्व 14 नवंबर को बंद होंगे। इसके बाद शीतकाल में केदारबाबा की पूजा-अर्चना उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर और मां गंगोत्री की पूजा-अर्चना मुखबा गांव में होगी, जिसे गंगाजी का मायका भी कहा जाता है। इस साल कपाट खुलने के बाद अब तक रिकॉर्ड 50 लाख से ज्यादा यात्री चारधाम यात्रा पर आ चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *