विवाद का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर हो: सुबोध

वन मंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली

देहरादून। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में वन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली।
मंत्री ने कहा कि टिहरी स्टेट 1949 में मर्जर एक्ट के तहत भारत में विलीन हुआ जिसकी शर्तों का अनुपालन करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में पूरे नरेन्द्रनगर शहर को वन विभाग की भूमि के रूप में दर्शाया गया है जोकि मर्जर एक्ट के प्रावधानों के विपरीत है। वन मंत्री ने कहा कि नरेन्द्रनगर में लगभग 323 हेक्टेयर भूमि राजा के नाम तथा स्थानीय जनता की भूमि थी जोकि 1964 के सेटलमैन्ट को वन विभाग द्वारा भी स्वीकार किया गया है। उन्होंने कहा है कि मर्जर एक्ट के अनुसार टिहरी महाराज की 222 हेक्टेयर निजी भूमि तथा 101 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित कर डीमार्केट किया जाए ताकि वन विभाग की भूमि का सही चिन्हीकरण किया जा सके। मंत्री ने कहा कि राजस्व तथा वन भूमि को चिन्हित करने हेतु हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है जो प्रदेश में स्थित इस तरह के विवादित भूमि पर परिस्थितिजन्य निर्णय ले सकेगी। मंत्री ने कहा कि नरेन्द्रनगर के नागरिक होने के नाते मेरा कर्त्तव्य है कि राजस्व भूमि तथा वन भूमि के बीच हो रहे विवाद का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जा सके जिसके लिए अधिकारियों को 40 दिनों के अन्दर भूमि को चिन्हित करने हेतु निर्देशित किया गया है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी, टिहरी मयूर दीक्षित, पीसीसीएफ एचओएफएफ, अनूप मलिक तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *