22 नवंबर को G-20 नेताओं के डिजिटल शिखर सम्मेलन होगा। इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, इस्राइल-हमास संघर्ष और वैश्विक दक्षिण के सामने आने वाली चुनौतियों जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारत पहले ही डिजिटल शिखर सम्मेलन के लिए G-20 के सदस्य देशों के नेताओं को निमंत्रण भेज चुका है। माना जा रहा है कि भारत समूह के लिए अपने विकास एजेंडे पर फोकस करेगा जिसमें वैश्विक दक्षिण या विकासशील देशों के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। शिखर सम्मेलन के अंत में कोई साझा परिणाम दस्तावेज जारी नहीं होगा। राजनयिक सूत्रों ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और इस्राइल-हमास संघर्ष पर विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। हालांकि, भारत द्वारा डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, जलवायु वित्त और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में पहल सहित अपने विकास एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों में भारत वैश्विक दक्षिण या विकासशील देशों, खासतौर पर अफ्रीकी महाद्वीप की चिंताओं, चुनौतियों और आकांक्षाओं को उठाते हुए खुद को एक अग्रणी आवाज के रूप में स्थापित कर रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (आईआईसीसी) में G-20 देशों के दूतों की मेजबानी की। आईआईसीसी को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर के रूप में भी जाना जाता है। इस दौरान उन्होंने समूह की भारत की अध्यक्षता के लिए G-20 के सदस्य देशों को उनके पूरे दिल से समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। जयशंकर ने एक्स पर लिखा, आज यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में G-20 सदस्यों, अतिथि देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के राजदूतों करके प्रसन्नता हो रही है।