भारतीय संस्कृति हर समस्या का जवाब : उपराष्ट्रपति

पंतनगर कृषि विश्विद्यालय पहुंचे जगदीप धनखड़

म्यूजियम का किया अवलोकन, किसानों से भी मिले

रुद्रपुर। पंतनगर कृषि विश्विद्यालय में आज उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे, जहां उन्होंने नाहेप में बने म्यूजियम का अवलोकन किया। इसी बीच उन्होंने किसानों से बातचीत की और कृषि से संबंधित तमाम जानकारियां ली। इस दौरान उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल गुरमीत सिंह सहित कुमाऊं के आला अधिकारी मौजूद रहे। 15 मिनट के कार्यक्रम के बाद उप राष्ट्रपति हेलीकॉप्टर के जरिए दिल्ली के लिए रवाना हुए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत संस्कृति और आध्यात्म से जुड़ा हुआ देश है। जी 20 समिट में विश्व के देशों ने भारत की सांस्कृतिक विरासत और क्षमताओं को जाना है। विश्व आज जिन समस्याओं से जूझ रहा है, भारत की सांस्कृतिक विरासत उन समस्याओं से पार पाने में कारगर साबित हो रही है। उन्होंने भारत को महापुरुषों की भूमि बताया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही के काल खंड में आध्यात्मिक स्थलों के रखरखाव को लेकर सराहनीय कार्य हो रहे हैं, जिससे राष्ट्र समर्पण की भावना में बढ़ोत्तरी हो रही है। भारत की संस्कृति दुनिया में बेमिसाल है। पांच हजार वर्ष पुरानी संस्कृति विश्व का कोई देश नहीं रखता। कैंची धाम में बाबा नीब करौरी के दर्शन करने के बाद उपराष्ट्रपति पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के लिए चले गए।
बता दें कि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज एक दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे थे। उप राष्ट्रपति ने बेटे और पत्नी के साथ नैनीताल के भवाली स्थित कैंचीधाम में बाबा नीब करौली के दर्शन किए और बाबा नीम करौली की तपस्थली पर बैठकर पूजा-अर्चना की। इसी बीच उन्होंने कहा कि बाबा के दर्शन करने के बाद वो अभिभूत महसूस कर रहे हैं।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का काफिला 1 बजकर 5 मिनट पर पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचा, जिसके बाद काफिला पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के तराई भवन पहुंचा, जहां पर उन्होंने पौधारोपण किया। कुछ देर विश्राम करने के बाद वह कार्यक्रम स्थल नाहेप पहुंचे। इसके बाद उप राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय द्वारा बनाए गए म्यूजियम का अवलोकन किया। साथ ही उप राष्ट्रपति ने विश्विद्यालय के उत्पादों के स्टॉल का भी निरीक्षण किया। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें विश्विद्यालय के वैज्ञानिकों से उम्मीद है कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए विश्विद्यालय के वैज्ञानिक आगे आकर नए-नए शोध को सामने लाएंगे। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में आज हमारा देश-नये-नये आयाम छू रहा है।

 

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