आईएमए पास आउट परेडः देश को मिले 343 युवा सेना अफसर

मित्र देशों के 29 विदेशी कैडेट भी पास आउट

देहरादून। देश की आन बान शान की रक्षा करने के लिए शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 343 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इनके साथ ही बारह मित्र देशों के 29 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए।
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 343 युवा अफसर देश सेवा के लिए सेना की मुख्यधारा में जुड़ गए। इसके साथ ही मित्र राष्ट्रों के 29 कैडेट्स भी पास आउट हुए। पासिंग आउट परेड की सलामी इस बार श्रीलंका के सीडीएस जनरल डॉ. शिवेंद्र सिल्वा ली।
परेड से पहले परिसर में सेना और बाहर पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। अकादमी के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर सुबह आठ बजे परेड शुरू हुई। परेड के बाद पीपिंग सेरेमनी आयोजित की गई।
इसके बाद देश और विदेश के 372 कैडेट्स अफसर बनकर अपनी सेनाओं की मुख्य धारा में जुड़ गए। इनमें 343 अफसर भारतीय सेना को मिले। आईएमए की स्थापना के बाद से अब तक यहां से 65234 देशी एवं विदेशी कैडेट्स पास आउट हो चुके हैं। वहीं, आईएमए के नाम अब तक 2914 विदेशी कैडेट्स को ट्रेनिंग देने का गौरव जुड़ गया है।

बताई कंधे पर लगने वाले सितारे की अहमियत

डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि आप जब सितारे लगाते हैं, तो याद रहे कि आपके कंधे पर सैन्य इतिहास, परंपरा और राष्ट्र सेवा में अपना जीवन लगा देने वाले अनगिनत नायकों का भी भार है। यह कभी न भूलें कि एक लीडर होने का मतलब केवल आदेश देना नहीं है, बल्कि उन लोगों का सम्मान और विश्वास अर्जित करना है, जिनका आप नेतृत्व करते हैं। उनके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करें। ऐसे उदाहरण स्थापित करें कि वे गर्व से आपकी ओर देखें।

अपने काम से करें प्रभावित

डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि आपका काम शब्दों से कई अधिक प्रभाव छोड़ता है। कर्तव्य के प्रति आपकी अटूट प्रतिबद्धता, करुणा और उत्कृष्टता से ही आप अपने आस-पास के लोगों को प्रेरित करेंगे। इस तरह का लीडर ही दूसरों का उत्थान करता है, उन्हें प्रेरित करता है और उनमें सर्वश्रेष्ठ लाता है। उनके प्रति सहानुभूति और समझ दिखाएं और सौहार्द, आपसी सम्मान व अटूट समर्थन की संस्कृति को बढ़ावा दें। उन्होंने विदेशी कैडेटों को भी बधाई दी।

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