हर हाथ में हो किताब अभियान चला रही उत्तराखण्ड पुलिस : डीजीपी

बोले- बच्चों को उनका बचपन देना जरूरी

देहरादून। ऑपरेशन मुक्ति के सम्बन्ध में आमजन को जागरूक किये जाने के लिए पुलिस लाईन देहरादून में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार, ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस का यह अभियान भिक्षा नहीं शिक्षा की ओर अग्रसर है। ’हर हाथ में हो किताब’ इस उद्देश्य के साथ पुलिस विभाग ने अन्य संस्थाओं के सहयोग से ऑपरेशन मुक्ति अभियान चलाया रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों को उनका बचपन देना जरुरी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बच्चों को भिक्षा देकर हम उनकी मदद नहीं करते, बल्कि उन्हें भिक्षावृत्ति की ओर धकेल रहे हैं, जिसके दूरगामी परिणाम समाज के हित में नहीं हैं।
ड्रॉपआउट की समस्या पर उन्होंने ऑपरेशन मुक्ति टीम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों की स्कूली शिक्षा दीक्षा एवं कल्याण के लिए प्रचलित सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर बच्चों को उनसे भी लाभान्वित करने का प्रयास करें। वर्ष 2017 से प्रारम्भ किये गये इस अभियान में अभी तक 3603 बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया गया है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि ऑपरेशन मुक्ति अभियान में पुलिस कर्मियों की विशेष कार्ययोजना से मिले सकारात्मक परिणाम हम सबके सामने हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा अभियान के अन्तर्गत विद्यालयों में दाखिला कराये गये बच्चों को आवश्यक पाठन सामग्री वितरित की गयी। कार्यक्रम में राजकीय प्राथमिक विद्यालय शिवनगर सेलाकुई, राजकीय प्राथमिक विद्यालय रायपुर, प्राथमिक स्कूल रानीपोखरी एवं खुड़बुड़ा के बच्चों द्वारा मनमोहक कविता का प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर अभियान में सहयोग करने वाले आरोग्यधाम अस्पताल के डॉ विपुल कंडवाल, आदित्य बिड़ला के जोनल हेड डॉ. अभिषेक कपूर, एसडीएफसी के सर्किल हेड डॉ बकूल सिक्का, एडिटर मोहम्मद सलीम सैफी, रिटायर्ड बैंक मैनेजर एसपी जयसवाल, बचपन बचाव आन्दोलन से सुरेश उनियाल, रिटार्ड साईन्टिस्ट डॉ टीएन जौहर को पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने सम्मानित किया । अभियान की टीम में जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में चार टीम उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4, 4 टीमों में से 1 टीम एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की। शेष जनपदों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम ने उक्त अभियान को चलाया। रेलवेज में भी एक टीम उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4 का गठन किया गया।
प्रत्येक टीमों की सहायता के लिए 1-1 विधिक अभियोजन अधिकारी एवं टेक्निकल टीम डीसीआरबी को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम मे अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्याल , एसएसपी अजय सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

अभियान तीन चरणों में किया सम्पादित

प्रथम चरण : भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों व उनके परिवारों का पूर्ण विवरण संलग्न प्रारूप में तैयार करना तथा ऐसे बच्चे जिनका विद्यालयोंध्डे केयर में दाखिला किया जाना है, का चिन्हिकरण करना।

द्वितिय चरण : समस्त स्कूल-कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चैराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में बैनर, पोस्टर, पम्पलेट, नुक्कड़ नाटक, लाउड स्पीकर सोशल मीडिया आदि के माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाकर जनता को जागरूक करना।

तृतीय चरण : भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनके तथा उनके माता-पिता की कॉउन्सलिंग कर बच्चों को शिक्षा प्रदान करने तथा उनके माता-पिता को रोजगार दिलाने का प्रयास करना। बच्चों के पुनः भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने पर उनके माताध्पिता के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही करना तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर डीएनए टेस्ट की कार्रवाई करना।

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