जिले का कलेक्ट्रर बताकर बेरोजगार युवक-युवतियो ठगी करने वाले गैंग का मुख्य सरगना गिरफ्त में

अपने आप को सरकारी कर्मचारी दिखाने के लिए उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी हुई गाड़ी एंव ड्राइवर गनर भी रखता था साथ में

हरिद्वार। जिले का कलेक्ट्रर बताकर बेरोजगार युवक-युवतियो को सरकारी नौकरी लगाने/ शादी का झाँसा देकर उनकी गाढ़ी कमाई व जमीने हड़पने वाले गैंग का मुख्य सरगना पुलिस गिरफ्त में आया है। कोतवाली ज्वालापुर पर वादिया चेतना अरोड़ा निवासी खन्ना नगर ज्वालापुर हरिद्वार के द्वारा तहरीर दी गई की निहार कर्णवाल निवासी खन्नानगर ज्वालापुर जिसके द्वारा स्वयं को डीएम बताते हुए वादिया को पीडब्ल्यूडी विभाग में निरीक्षण अधिकारी के पद पर नौकरी दिलवाने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए वादिया से 6 लाख 50 हजार रुपए की मांग की गई।
निहार द्वारा वादिया को अपने आप को सरकारी कर्मचारी दिखाने के लिए उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी हुई गाड़ी का इस्तेमाल करता था। जिससे वादिया को उक्त निहार पर विश्वास हो गया।
निहार द्वारा नौकरी लगाने के नाम वादिया की बीमार माताजी नीलम अरोड़ा द्वारा उक्त निहार को शुरू में 1 लाख 50 लाख रुपए दिए इसके पश्चात निहार द्वारा बताया गया कि नौकरी अब समाप्त हो गई है।
अब वह वादिया को एसडीएम के पद पर नौकरी दिला सकता है इसकी एवज में निहार द्वारा वादिया से 70 लाख रुपए की मांग की गई वादिया द्वारा निहार के झांसे में आकर अपने भविष्य को देखते हुए आरोपी को 70 लाख रुपए देने के लिए सहमति प्रदान की गई लेकिन वादिया की माताजी व भाई द्वारा 70 लाख रुपए की व्यवस्था एकाएक ना हो पाने के संबंध में निहार को अवगत कराया तो उसने उन लोगों से कहा कि नौकरी के लिए केवल एक ही पद है काफी लोग प्रयासरत हैं वह उधमसिंहनगर का डी०एम० है इस कारण नौकरी लगा सकता है। निहार द्वारा यह भी बताया गया कि वह अपने साथियो के माध्यम से एक दिन में वादिया के भाई का मकान बेचकर लगभग 70 लाख रुपए की धनराशि उन्हें दिलवा सकता है उसके द्वारा अपने साथी मैंमकिला व निशांत कुमार गुप्ता तथा अन्य के साथ मिलकर वादिया के भाई का मकान खरीदने की इच्छा प्रकट की गई। तथा 30 अगस्त को अपने सहयोगी मैंमकिला को रजिस्टार ऑफिस जाकर यह कहते हुए कि आज मकान की लिखा पढी कर देते हैं वादिया के भाई को दो चेक देकर कहा कि चेक से रुपये निकाल ना जो चेक पर वापस ले लिये कि मे आरटीजीएस करवा दूंगा । इस प्रकार निहार द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर षड्यंत्र के तहत धोखाधड़ी करते हुए वादिया से धनराशि हड़प ली गई एवं वादिया के भाई का मकान भी हड़प लिया गया। इस संबंध में वादिया द्वारा निहार से बातचीत कर रुपए वापस देने को कहा गया तो इसके द्वारा धमकी दी गई कि यदि कहीं शिकायत की तो वह वादिया तथा उनकी माता जी को जान से मार देगा। तहरीर के आधार पर कोतवाली ज्वालापुर पर मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमा लिखने के बाद आरोपी वादी को मुकदमा वापस लेने का दबाव डालते हुए जान से मारने की धमकी दे रहा था, घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार के द्वारा तत्काल आवश्यक कानूनी कार्यवाही कर अनावरण हेतु आदेशित किया गया था।
अभियोग की विवेचना चौकी प्रभारी रेल उप निरीक्षक विकास रावत द्वारा संपादित की जा रही थी। इसी दौरान निहार कर्णवाल के द्वारा वादिया की माताजी को धमकी दी जाने लगी व यह जानकारी होने पर कि मेरे खिलाफ मेरी मंगेतकर के द्वारा कोतवाली ज्वालापुर में संगीन धाराओ में एक अभियोग पंजीकृत करवा दिया गया है। से परेशान होकर निहार कर्णवाल नाम का आरोपी हरिद्वार से कहीं दूर भागने की फिराक में था। इस पर पुलिस अधीक्षक नगर/अपराध एवं क्षेत्राधिकारी ज्वालापुर के द्वारा तत्काल आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था। कोतवाली ज्वालापुर व रानीपुर पुलिस की संयुक्त टीम के द्वारा तत्काल कार्यवाही कर आरोपी निहार कर्णवाल को ऋषिकुल तिराहे मुख्य हाईवे के पास से गिरफ्तार किया गया। जिसके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि वह अपने अन्य साथियो निशाँत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी माताजी मेमकिला के साथ मिलकर एक गिरोह के रूप में काम करते है व एक षडयंत्र के तहत बेरोजगार युवक-युवतियो को अपना निशाना बनाकर उनको सरकारी नौकरी का लालच देते हैं। इसके लिये गाड़िया तथा गनर आदि की व्यवस्था निशांत कुमार गुप्ता करता है जिससे वह डीएम लगे तथा उसके बाद निहार कर्णवाल सरकारी नौकरी के नाम पर जाल मे फँसे बेरोजगार को किसी उच्च सरकारी पद का प्रलोभन देकर उसकी जमीन को निखिल बेनिवाल जो की एक प्रोपर्टी डीलर है के माध्यम से उसके तथा उसके परिवार के नाम से गिफ्ट करवा देते है तथा फिर इस प्रापर्टी को आगे किसी पार्टी को सैल कर देते है। इसके अलावा हम लोग सुनारो से किसी व्यक्ति का चैक लगवाकर सोना खरीद लेते है तथा उस सोने को किसी दूसरे सुनार को सस्ते दामो मे बेचने का लालच देकर उससे नगद धन प्राप्त कर चंपत हो जाते है। इसके अतिरिक्त उक्त गैंग द्वारा निहार कर्णवाल को जिला अधिकारी दिखाकर शिवालिक नगर की एक महिला को शादी का झासा देकर शारिरीक शोषण किया गया तथा उसके परिवार को विश्वास में लेकर पीड़िता की माता से कुछ प्लाट अपने नाम पर गलत तरीके से गिफ्ट करवा लिये।
तथा फर्जी कागजात के आधार पर उनकी कारे हड़प ली।

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