राज्यपाल ने संकल्प फाउंडेशन के राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया भाग
यूके न्यूज़ एजेंसी
देहरादून|ऋषिकेश राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश में संकल्प फाउंडेशन के राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में संकल्प फाउंडेशन के देशभर से अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के प्रथम सत्र का शुभारंभ करते हुए राज्यपाल ने उत्तराखंड में लगभग 2 वर्षों के अपने अनुभवों को और यहां की विशिष्टता को साझा किया। उन्होंने उत्तराखंड की आध्यात्मिकता एवं नैसर्गिकता, यहां के पर्यटन, तीर्थाटन और यहां की दिव्यता का जिक्र किया।
राज्यपाल ने कहा कि तपभूमि, देवभूमि उत्तराखंड पूरे भारत एवं विश्व की आध्यात्मिक चेतना का एक स्रोत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड न सिर्फ भारत अपितु पूरे विश्व को ऊर्जा देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह स्थान आदिकाल से ही परम ज्ञान का स्रोत रहा है। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड में योग, आयुर्वेद, हेल्थ एण्ड वेलनेस, हॉर्टिकल्चर, हॉस्पिटैलिटी आदि की असीमित संभावनाओं का जिक्र करते हुए देश और दुनिया के लोगों को देवभूमि पधारने का आमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न किए गए जी-20 सम्मेलनों के माध्यम से उत्तराखंड की एक अलग पहचान स्थापित हुई है। राज्यपाल ने संकल्प फाउंडेशन की ओर से आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में संकल्प संस्थान के पदाधिकारियों को सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि संकल्प संस्थान सिविल सेवकों को एक उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार कर उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल ने परमार्थ निकेतन में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिला स्वच्छता कर्मियों को प्रशस्ति पत्र व स्वच्छता किट भी प्रदान की। उन्होंने महिलाओं के कार्यों को सराहा। इस अवसर पर संकल्प संस्थान के संस्थापक संतोष तनेजा ने वर्चुअली जुड़कर संस्थान की गतिविधियों और भावी योजनाओं का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने उपस्थित सभी लोगों का परमार्थ निकेतन में स्वागत एवं अभिनंदन किया। सम्मेलन में संस्थान के महासचिव अनिल जोशी, अध्यक्ष जनकल्याण शिक्षा समिति डॉ. जी प्रसन्ना कुमार, डॉ. आरएम पराशर सहित संस्थान के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।