स्कूलों में गुणवत्तापरक शिक्षा की धुरी हैं शिक्षक: डा धन सिंह

राजकीय शिक्षक संघ के साथ बैठक में मांगों पर हुई चर्चा

यूके न्यूज़ एजेंसी

देहरादून। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता की धुरी हमारे शिक्षक ही हैं। हमारी सरकार में गुरूजनों को पूरा सम्मान दिया जाता है। उनके शिक्षण व बच्चों के भविष्य निर्माण की प्रतिबद्धता से ही शिक्षा के मूल उद्देश्यों को हासिल किया जा सकेगा। यह बात उन्होंने राजकीय शिक्षक संघ की नव निर्वाचित प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कही।
शिक्षा निदेशालय सभागार में आयोजित बैठक में राजकीय शिक्षक संघ की नव निर्वाचित प्रांतीय पदाधिकारियो को बधाई देते हुए शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जो भी संभव होगा उसे पूरा किया जाएगा। इस मौके पर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान, महामंत्री रमेश पैन्यूली समेत अन्य प्रदाधिकारियों ने मा मंत्री के समक्ष स्कूलों के कोटिकरण, पदोनत्ति, चयन, प्रोन्नत वेतनमान, विसंगतियां, अवकाश, सीसीएल का लाभ, पुरानी पेंशन बहाली, ऑनलाइन परीक्षाओं का दबाव कम करने, ब्लाक स्तर पर अधिकारियों की कमी, कला संगीत व व्यायाम को मुख्य विषय बनाने, पदों का सृजन, पत्राचार की जटिलताओं का सरलीकरण समेत अन्य मांगें रखी और बाकायदा मांग पत्र भी सौंपा। संघ के मांग पत्र पर क्रमवार चर्चा करते हुए मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूरी ताकत के साथ शिक्षकों के साथ खड़ी है। उनकी समस्याओं के समाधान के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। समस्याओं के निदान को लेकर अधिकारी स्तर से लेकर शासन व कैबिनेट स्तर तक जहां भी समाधान के प्रावधान संभव होंगे वह प्रयास किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि जिन स्कूलों में अभी टीचरों पद रिक्त हैं वहां प्रधानाचार्यों को यवस्था पर रिटायर शिक्षक या योग्य अभ्यर्थी को केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर पीरियड वार नियुक्ति अधिकार भी दिया जा रहा है। इस मौके सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी समेत विभागीय अधिकारी भी मॉजूद रहे।

पदाधिकारी बोले, पहली बार मिला यह अवसर
राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत के नेतृत्व कौशल व सकारात्मक सोच की गदगद भाव से प्रशंसा की है। बैठक में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि बीते छह सालों में पहली बार प्रांतीय कार्यकारिणी को अपने मंत्री के साथ बैठ खुलकर अपने विचार रखने का अवसर मिला है।
भास्कर समाचार सेवा

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