उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हुआ छठ महापर्व

हर की पैड़ी पर की गई सुख-समृद्धि और देश की उन्नति की कामना

हरिद्वार के गंगा घाटों पर छठ की धूम, नजर आ रहा पूर्वांचल जैसा नजारा

हरिद्वार। धर्मनगरी में हर की पैड़ी पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ व्रतियों का सैलाब उमड़ पड़ा। सूर्योदय से बहुत पहले ही उत्साही व्रती हर की पैड़ी पर पहुंच गए थे। जैसे ही उगते सूर्य की लालिमा नजर आई, छठी मैया की जय और सूर्यदेव के जयकारों से हर की पैड़ी गूंज उठी। बड़ी संख्या में छठ व्रतियों ने अपने परिवार के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। अपने परिवार, देश और समाज की सुख, समृद्धि और कुशलता की कामना की। इसी के साथ सूर्य उपासना के लिए प्रसिद्ध चार दिवसीय छठ महापर्व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हो गया।

हर साल छठ की पूजा के लिए हरिद्वार में हर की पैड़ी पर इंतजाम किए जाते हैं। हर की पैड़ी को हरिद्वार का हृदय स्थल कहा जाता है। हर व्रत और त्यौहार पर हर की पैड़ी पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। कुंभ में तो हर की पैड़ी पर तिल रखने की जगह तक नहीं बचती है। ऐसा ही छठ महापर्व पर भी दिखाई दिया।

छठ पूर्वांचल खासकर बिहार और झारखंड का महापर्व है। ये सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व है। छठ महापर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है। छठ पर व्रती अपने परिवार के साथ छठ घाटों पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। सूर्यदेव और छठ माता से अपनी संतति के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। परिवार की सुख और शांति की कामना की जाती है।

रविवार शाम अस्ताचल सूर्य को दिया था अर्घ्य

हरिद्वार। रविवार शाम को अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया गया था। हर की पैड़ी पर छठ व्रतियों ने पूजा पाठ करते हुए अपनी तरह के पहले और अनोखे पर्व पर सूर्यदेव को अर्घ्य देकर घर-परिवार और देश-समाज की सुख, समृद्धि की कामना की थी। छठ एक ऐसा महापर्व पर जिसमें अस्त होते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता। अन्य पर्वों और त्यौहारों पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ में अस्तगामी और उदयमान दोनों समय सूर्यदेव को अर्घ्य देने की परंपरा है। इसीलिए ये पर्व अद्भुत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *