आईटीबीपी की रेजिंग डे परेड में पहुंचे गृहमंत्री शाह
आईटीबीपी के हिमवीरों में भरा जोश
देहरादून। आईटीबीपी का स्थापना दिवस शुक्रवार को मनाया गया। इस अवसर पर रेजिंग डे परेड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, धन सिंह रावत और प्रेमचंद अग्रवाल भी परेड में शामिल हुए। इस दौरान गृहमंत्री ने सबसे पहले परेड का निरीक्षण किया। इस दौरान फाइव फ्रंटियर, ईस्ट फ्रंटियर, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर, नॉर्दन फ्रांटियर्स, नक्सल फ्रंटियर, महिला नक्सल फ्रंटियर, स्की फोर्स, कमांडो दस्ता, पैरा ट्रूपर्स की टुकड़ियां परेड में शामिल हुईं।
इस दौरान मुख्य अतिथि अमित शाह ने कहा कि भारत के प्रथम गांव से आए लोगों का स्वागत करता हूं। उन्होंने हिमवीरों को और 130 करोड़ की जनता को धनतेरस की शुभकामनाएं दी। कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हम यशगाथा लिखने में समर्थ हों ये कामनाएं हैं। दिवाली के समय मेंनागरिक घर में दिए जलते हैं, तो एक दिया जवानों के लिए भी जलाएं। हम चैन की नींद सिर्फ इन्हीं जवानों के कारण सोते हैं। 62 सालों से देश की सीमाएं हिमविरों के कारण सुरक्षित हैं। हिमवीर सदैव चैकन्ने रहते हैं। मैं कुछ दिन पहले अरुणाचल में आईटीबीपी के जवानों के साथ रहा था। मैंने कहा था कि जब परिवार को आपकी जरूरत होती है तो उसी समय देश को जरूरत होती है। सेना की तर्ज पर सीएपीएफ का कोटा भी तय किया। जवानों की इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए सातआईटीबीपी की बटालियन को हाल ही में स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने कहा कि भारत चीन सीमा से कोई समाचार आता है तो ये सोचकर आराम से सो जाता हूं कि वहां आईटीबीपी का जवान खड़ा है। जब तक आईटीबीपी है तब तक देश की एक इंच भूमि को भी कोई छीन नहीं सकता। उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप देश कि चिंता करते हैं, आपके परिवार की चिंता भारत सरकार करेगी।
सीमांत गांव को दोबारा बसाना होगा
शाह ने कहा कि सीमांत गांव अगर खाली हो गए तो सीमाओं की सुरक्षा बहुत मुश्किल हो जाएगी। ऐसे में ये जरूरी है कि वहां जो प्रथम गांव हैं, उन्हें सुविधाओं में भी प्रथम बनाया जाए। 168 गांव को एक साल में सड़क से जोड़ा जाएगा और बिजली व जरूरी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाएंगी। भारत चीन सीमा पर 2014 के पहले चार हजार करोड़ खर्च सलाना होता था, लेकिन अब यह बढ़ाकर 12 हजार करोड़ रुपये हुआ है। इससे जवानों के रहने के लिए बैरक, सड़क और हेलीपैड बनाए जा रहे हैं।
लोगों में दिखा उत्साह
आईटीबीपी सीमाद्वार में आयोजित परेड को देखने के लिए यहां हजारों लोगों की भीड़ जुटी है। स्वागत के लिए महिलाएं पारंपरिक परिधानों में भी आई हैं। वहीं, कई बच्चे सेना की वर्दी पहनकर पहुंचे हैं।