देहरादून। अब उत्तराखंड में रजिस्ट्री में फ्रॉड केस होने पर गठित एसआईटी टीम को दस्तावेजों का सैंपल चंडीगढ़ नहीं भेजना पड़ेगा। इसके लिए देहरादून में ही फॉरेंसिक साइंस एपक्सर्ट तैनात किया जाएगा। जो पुलिस और एसआईटी टीम के बीच समन्वय का काम करेगा। इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना अनुमोदन दिया है। वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में रजिस्ट्री में फ्रॉड केस जैसे फर्जी हस्ताक्षर, फर्जी कागजात, फर्जी लेखनी आदि की शिकायतें मिलती हैं। इसके लिए पूर्व में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया था। उन्होंने बताया कि एसआईटी टीम दस्तावेजों की प्रमाणिकता के लिए चंडीगढ़ स्थित फोरेंसिक लैब को दस्तावेज भेजती थी। डॉ अग्रवाल ने बताया कि चंडीगढ़ से दस्तावेजों की प्रमाणिकता की रिपोर्ट आने में अधिक समय लगता था। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट की तैनाती देहरादून में करने का विचार कर रही है। इससे दस्तावेजों की प्रमाणिकता में लगने वाला समय में बचत होगी और निस्तारण समय पर किया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि फोरेंसिक साइंस एक्सपर्ट पुलिस और गठित एसआईटी के बीच समन्वय का काम करेंगे।