उप जिला अस्पताल श्रीनगर में डॉक्टरों और कर्मचारियों को मिलेगी आवासीय सुविधा

सरकार ने किए चार करोड़ मंजूर

श्रीनगर। राजकीय उप जिला अस्पताल श्रीनगर में कार्यरत डॉक्टरों और कर्मचारियों को अगले साल दीपावली पर आवासीय सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इस काम के लिए सरकार की तरफ से चार करोड़ 13 लाख 28 हजार रुपए जारी किए गए हैं। आवासों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुबंध कार्रवाई भी पूरी हो चुकी है। इसके साथ-साथ अस्पताल में एक ब्लड बैंक भी खुलने जा रहा है, जिसके बाद मरीजों के तीमारदारों को खून के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा।
दरअसल, उप जिला अस्पताल श्रीनगर में पहले से ही डॉक्टरों के लिए आवास बने हुए हैं, लेकिन समय के साथ कुछ भवन पुराने हो गए। इसके अलावा अस्पताल के नए भवन निर्माण हेतु कुछ भवन तोड़ दिए गए, जिसके चलते आवास कम हो गए थे। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने यहां नए आवासीय भवन निर्माण की स्वीकृति दी है।

अस्पताल परिसर में एक टाइप 5 (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक आवास), दो टाइप 3 (चिकित्सक आवास) और आठ टाइप 2 (कर्मचारी आवास) हेतु सरकार ने चार करोड़ 13 लाख 28 हजार की धनराशि मंजूर की। आवास बनाने का जिम्मा ग्रामीण विकास विभाग को दिया गया है। प्रारंभिक तौर पर निर्माण हेतु कार्यदाई संस्था आरडब्ल्यूडी को एक करोड़ 72 लाख रुपये दे दिए गए हैं। मौजूदा समय में अस्पताल के पुराने भवनों को तोड़कर मलबा हटाने का काम चल रहा है। मलबा हटने के बाद कार्यदाई संस्था काम शुरू कर देगी।श्रीनगर में जीआईएंडटीआई मैदान से उप जिला अस्पताल के नीचे से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग की सुरंग गुजर रही है। इसे देखते हुए पुराने अस्पताल भवन के पीछे आरवीएनएल (रेल विकास निगम) ने 16 करोड़ की लागत से 52 बेड के नए भवन का निर्माण करवाया है।

आरवीएनएल की ओर से निर्मित तीन मंजिला भवन में लिफ्ट, पार्किंग सहित भविष्य में मशीनों के लिए जगह बनाई गई है, ताकि अस्पताल में किसी प्रकार की तोड़फोड़ की आवश्यकता न रहे। अधिशासी अभियन्ता ग्रामीण विकास विभाग पौड़ी संजय शर्मा ने बताया कि टेंडर स्वीकृत हो गया है, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। उम्मीद है कि अगले साल दीपावली तक भवन का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक उप जिला अस्पताल डॉ नीरज रॉय ने बताया कि परिसर में आवासीय व्यवस्था होने से मरीजों सहित डॉक्टरों और कर्मचारियों को सुविधा मिलेगी। किसी भी आपातकालीन स्थिति में मरीजों का तत्काल उपचार हो सकेगा। इसके अलावा वार्ड में भर्ती मरीजों के रूटीन स्वास्थ्य परीक्षण में आसानी होगी। उन्होंने ये भी बताया कि यहां ब्लड बैंक भी बनाया जाना है, जिसके लिए शासन को डीपीआर भेजी गई है। डीपीआर स्वीकृत होने के बाद ब्लड बैंक का भी निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

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