आग पर काबू पाना बना चुनौती
श्रीनगर। बीते एक हफ्ते में उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में जंगल धधक रहे हैं। वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाने में वन विभाग के भी पसीने छूट रहे हैं। ताजा मामला पौड़ी जिले के श्रीनगर क्षेत्र का है, जहां अचानक जंगलों में आग लग गई थी। वन विभाग और फायर ब्रिगेड की टीम ने कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
उत्तराखंड में जैसे-जैसे गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू किए हैं, वैसे ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। जंगलों में आग के तांडव को देखकर वन विभाग के भी होश उड़े हुए हैं। श्रीनगर में डांग ऐठाना में जंगल अचानक सुलगने लगे। कुछ ही देर में ये आग इतनी भयावह हो गई है कि उसने जंगल के करीब एक किमी के एरिया को अपनी चपेट में ले लिया।
स्थानीय लोगों ने तत्काल मामले की जानकारी वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम ने मौके पर आग को काबू करने का प्रयास किया, लेकिन आग जंगल के बड़े क्षेत्र में फैल चुकी थी, जिस पर काबू पाना आसान नहीं था। इस कारण वन विभाग को फायर ब्रिगेड की मदद लेनी पड़ी। फायर ब्रिगेड की मदद से वन विभाग ने डांग ऐठाना के जंगलों में लगी आग पर काबू पाया।
श्रीनगर सिविल रेंज के वन क्षेत्राधिकारी आरके कुकरेती ने बताया कि आग पर देर रात काबू पाया जा चुका है। विभाग जंगल में लगी आग से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। जंगल में इतनी भयावह आग कैसे लगी, इसकी जांच की जा रही है। यदि ये आग किसी व्यक्ति ने लगाई है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि उत्तराखंड में हर साल 15 फरवरी से लेकर 15 जून तक फायर सीजन माना जाता है। इस दौरान जंगलों में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं। फायर सीजन में वनाग्नि पर काबू पाने के लिए वन विभाग हर साल बड़ी तैयारियां भी करता है, लेकिन धरातल पर उनका कोई असर नहीं दिखता है।
गरुड़ के गढ़खेत के जंगल में आग ही आग
बागेश्वर। जिले के जंगलों में आग की घटनाएं जारी है। कांडा के मंतोली, बास्ती तथा उपराड़ा के अलावा गरुड़ के गढ़खेत के जंगल धधक रहे हैं। वन विभाग के लिए अराजक तत्व सिर दर्द बने हैं। विभाग आग पर किसी तरह नियंत्रित कर रहा है। फिर से आग लगा रहे हैं। लोगों ने वन विभाग से ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। पिछले एक सप्ताह से जिले के जंगल धधक रहे हैं। जिले के सभी छह के छह रेंज के जंगलों में आग लग गई है। अब तक सात घटनाएं हुई हैं। आग से पूरा वातावरण में धुंध छा गई है। धुएं के कारण आंखोंगरुड़ के गढ़खेत के जंगल तीन दिन से धधक रहे हैं। ग्रामीण स्वयं ही जंगल की आग बुझा रहे हैं। अराजक तत्व वन विभाग के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से गश्त बढ़ाने तथा जंगल की आग पर काबू पाने की मांग की है।
इधर, बागेश्वर के रेंजर एसएस करायत ने बताया कि जहां से भी आग लगने की सूचना मिल रही है, वहां कर्मचारियों को भेजकर उसे काबू पाया जा रहा है। अब तक जिले में सात आग की घटनाएं हो चुकी हैं। अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। की दिक्कतें बढ़ने लगी है। दो दिन से कांडा के मंतोली, बास्ती व जाखनी के जंगल में आग लगी हुई है।