पहाड़ी से बोल्डर गिरने से दहशत में लोग
उत्तरकाशी। बीती रात वरुणावत पर्वत से रूक-रूककर बोल्डर गिरे, जिससे घबरा कर गोफियारा क्षेत्र में कई परिवार अपने घरों से बाहर निकल आए। मूसलाधार बारिश से गाड़-गदेरे उफान पर हैं। गोफियारा क्षेत्र में एक गदेरे के उफान पर आने से सड़क पर खड़े दोपहिया वाहन मलबे में दब गए। वहीं डीएम डॉ। मेहरबान सिंह बिष्ट ने भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों से अलर्ट रहने की अपील की।
गौर हो कि मूसलाधार बारिश से शहर के गोफियारा से लेकर पल्ला ज्ञानसू तक कई गाड़-गदेरे उफान पर आ गए। गोफियारा क्षेत्र में गदेरे के उफान पर आने से मलबे में दबे वाहनों को लोगों ने जेसीबी बुलाकर निकाला। वहीं, भारी बारिश से पाडुली गदेरे, ज्ञानसू और मैणा गाड़ भी उफान पर है, जिससे चलते इनमें जमा कचरा सड़क फैल गया। वहीं बस अड्डे से लेकर ज्ञानसू तक जगह-जगह गंगोत्री हाईवे पर पानी भर गया। रात में बारिश कम होने पर लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन तभी वरुणावत पर्वत से बोल्डर गिरना शुरू हो गए।
भटवाड़ी रोड के साथ ये बोल्डर मस्जिद मोहल्ले क्षेत्र में गिर रहे हैं, इससे डरे-सहमे गोफियारा क्षेत्र के कई परिवार घरों से निकलकर जल निगम रोड पर आ गए और पत्थर गिरना बंद होने का इंतजार करते दिखाई दिए। क्षेत्र के प्रताप सिंह रावत ने बताया कि पत्थर गिरने के बीच भूस्खलन जैसी तेज आवाज आई। जिससे लोग ज्यादा डरे-सहमे हुए हैं। कुछ परिवारों ने अपने रिश्तेदार व परिचितों के यहां शरण ली है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से गोफियारा क्षेत्र के कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट आपातकालीन परिचालन केंद्र में मौजूद रहे। जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीआएफ व प्रशासन की टीम गोफियारा क्षेत्र में डटी रही। गौफियारा जल संस्थान के ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण जिलाधिकारी ने भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने एवं अन्य व्यवस्थाएं करने हेतु दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को दिए। बता दें कि वर्ष 2003 में वरुणावत पर्वत से भारी भूस्खलन हुआ था, जिसके चलते कई बहुमंजिला होटल ध्वस्त हो गए थे, उस त्रासदी को याद कर आज भी लोग कांप उठते हैं।
वरुणावत पर्वत से लगे गोफियारा क्षेत्र के लिए तकनीकी समिति की गठित
उत्तरकाशी। बीती रात वरुणावत पर्वत ने फिर रौद्र रूप दिखाया। आवासीय क्षेत्र में वरुणावत पर्वत से अचानक बोल्डर गिरने से अफरा तफरी मच गई। वहीं स्थानीय लोगों ने भाग कर जान बचाई। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने वरुणावत पर्वत से लगे गोफियारा क्षेत्र के लिए तकनीकी समिति गठित की है। साथ ही समिति को जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तरकाशी में तेज बारिश के बाद भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने किया स्थलीय निरीक्षण। उत्तरकाशी मुख्यालय में कल रात हुई तेज बारिश के कारण वरुणावत पर्वत की तलहटी पर गोफियारा के पास काफी भूस्खलन हुआ है। पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रशासन से वार्ता कर खतरे की जद में खड़े संवेदनशील स्थानों से लोगों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की अपील की। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का आकलन करने व प्रभावितों को हर संभव मदद करने की मांग की।उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व संबंधित विभाग पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है। इस मुश्किल वक्त में हम सब प्रभावितों के साथ खड़े हैं।
जिलाधिकारी ने इस समिति को आज ही प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण एवं सर्वेक्षण कर गिरे बोल्डर एवं पत्थर के कारण, प्रभाव पूर्व में सुरक्षा हेतु लगायी गयी रेलिंग की क्षति, रास्ता एवं गिरे बोल्डर पत्थरों के उपचार हेतु तात्कालिक एवं दीर्घकालिक उपाय एवं बोल्डर पत्थरों से प्रभावित होने वाले क्षेत्र आदि के संबंध में संयुक्त विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। वहीं समिति के सदस्य प्रभावित क्षेत्र के सर्वेक्षण के लिए रवाना हो गए हैं।
बाधित मार्गों पर यातायात शुरू
उत्तरकाशी। गंगोत्री मार्ग सहित उत्तरकाशी-घनसाली-तिलवाड़ा मार्ग पर यातायात सुचारू हो गया है। इन मार्गों पर कुछ जगहों पर मलबा आने से रात्रि में यातायात अवरूद्ध हो गया था। उधर तेखला-महिडाण्डा सड़क किमी 6 पर क्षतिग्रस्त हुई है, जिसके पुनर्निर्माण का कार्य गतिमान है। इस मार्ग पर जल्द यातायात बहाल कर दिए जाने की संभावना है। बता दें कि उत्तरकाशी में साल 2003 में वरुणावत पर्वत से भारी भूस्खलन हुआ था, जिसके चलते कई बहुमंजिला होटल ध्वस्त हो गए थे।