देहरादून। उत्तराखंड अब जनवरी से समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए, संहिता के प्रावधान लागू करने के लिए कार्मिकों का समुचित प्रशिक्षण देने के साथ ही सभी तरह की आधारभूत सुविधाएं जुटा ली जाएं। साथ ही अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन रखते हुए, जनसामान्य की सुविधा का ख्याल रखा जाए। “उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। यह कानून ‘सबका साथ, सबका विकास, और सबका विश्वास’ की भावना को आगे बढ़ाएगा और समाज को एक नई दिशा देगा। यह कानून खासतौर से देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण की दिशा में काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने यह बात राज्य सचिवालय में आयोजित उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान कही।
सेवाओं को ऑनलाइन भी रखा गया
उत्तराखंड अब जनवरी से समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए, संहिता के प्रावधान लागू करने के लिए कार्मिकों का समुचित प्रशिक्षण देने के साथ ही सभी तरह की आधारभूत सुविधाएं जुटा ली जाएं। साथ ही अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन रखते हुए, जनसामान्य की सुविधा का ख्याल रखा जाए।