देहरादून। सीएम पुष्कर धामी ने देहरादून के सागरताल में बलभद्र खलंगा विकास समिति की ओर से आयोजित ’50वां खलंगा मेला’ में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने महान सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों, वीरांगनाओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा खलंगा की वीरभूमि में वर्ष 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना करते हुए अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था। सीएम धामी ने कहा कि ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम का प्रतीक है, जो हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा की गाथा पूर्वजों के अप्रतिम साहस एवं गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि ये मेला समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक माध्यम भी है. सीएम धामी ने आगे कहा कि देश की ऐतिहासिक धरोहरें गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं।